GST की 24 Returns
पूरी जानकारी (किसके लिए, किस Product/Business में और कैसे उपयोग होता है)
भारत में GST (Goods and Services Tax) लागू होने के बाद टैक्स सिस्टम को सरल और एकीकृत बनाया गया। हर प्रकार के व्यवसाय (Retailer, Wholesaler, Manufacturer, Exporter, Service Provider, E-Commerce Operators आदि) के लिए अलग-अलग प्रकार की Returns निर्धारित की गई हैं।
? कुल 24 GST Returns होती हैं। आइए समझते हैं कि ये किस Product/Business Category के लिए होती हैं और कैसे उपयोग होती हैं।
? 1. GSTR-1 (Sales Return)
- किसके लिए: सभी Regular Taxpayers (Monthly या Quarterly Basis पर)
- Product/Use:
- अगर आप Goods बेचते हैं (जैसे Mobile, Electronics, Garments, FMCG Products)
- या Services प्रदान करते हैं (जैसे Consultancy, Education, Repairing)
- कैसे उपयोग होता है: इसमें Outward Supplies (Sales Invoices) अपलोड करनी होती हैं ताकि Buyer को Input Tax Credit मिल सके।
? 2. GSTR-2 (Suspended)
- किसके लिए: Regular Taxpayers
- Product/Use: Purchases (Inward Supplies)
- कैसे उपयोग होता था: इसमें खरीद की जानकारी दी जाती थी, लेकिन अब यह Return निलंबित है।
? 3. GSTR-2A (Auto-Drafted)
- किसके लिए: Regular Taxpayers
- Use: Seller द्वारा अपलोड किए गए Invoices Buyer को यहाँ Auto Reflect होते हैं।
- कैसे मदद करता है: Input Tax Credit (ITC) की Cross Verification के लिए।
? 4. GSTR-2B
- किसके लिए: Regular Taxpayers
- Use: यह Auto-drafted ITC Statement है।
- कैसे उपयोग होता है: Monthly ITC की Eligibility चेक करने के लिए।
? 5. GSTR-3 (Replaced)
- नोट: अब उपयोग में नहीं। इसकी जगह GSTR-3B है।
? 6. GSTR-3A
- किसके लिए: Defaulters
- Use: अगर कोई समय पर Return फाइल नहीं करता तो यह Notice भेजा जाता है।
? 7. GSTR-3B
- किसके लिए: Regular Taxpayers
- Product/Use:
- Goods या Services बेचने वाले Retailer/Wholesaler/Manufacturer
- कैसे उपयोग होता है: Summary Return जिसमें Sales, Purchases, ITC और Tax Payment की जानकारी दी जाती है।
? 8. GSTR-4
- किसके लिए: Composition Dealers
- Product/Use:
- छोटे व्यापारी जैसे किराना दुकान, छोटे Manufacturer, Restaurants
- कैसे उपयोग होता है: यह Annual Return है। इसमें Composition Scheme के Tax का Summary दिया जाता है।
? 9. GSTR-5
- किसके लिए: Non-Resident Taxpayers
- Product/Use:
- जो विदेशी व्यक्ति/कंपनी भारत में अस्थायी रूप से Business करते हैं (जैसे Exhibition, Trade Fair)
- कैसे उपयोग होता है: यहाँ उनकी Sales और Tax Liability दर्शाई जाती है।
? 10. GSTR-5A
- किसके लिए: OIDAR Service Providers (Foreign Online Service Providers)
- Product/Use:
- Netflix, Google Ads, Amazon Prime जैसी Online Services जो भारत में दी जाती हैं।
- कैसे उपयोग होता है: इन पर चुकाया गया GST दिखाया जाता है।
? 11. GSTR-6
- किसके लिए: Input Service Distributors (ISD)
- Product/Use:
- बड़ी कंपनियाँ जिनकी कई Branches होती हैं (जैसे Reliance, Tata)
- कैसे उपयोग होता है: Head Office द्वारा लिया गया ITC Branches को बांटने के लिए।
? 12. GSTR-6A
- किसके लिए: ISD
- Use: Auto-drafted Statement जो Cross Check करने में मदद करता है।
? 13. GSTR-7
- किसके लिए: TDS Deductors (सरकारी विभाग, PSU, बड़ी कंपनियाँ)
- Use: इसमें TDS (Tax Deducted at Source) की जानकारी दी जाती है।
? 14. GSTR-7A
- Use: TDS Certificate जो Deductor द्वारा Deductee को जारी किया जाता है।
? 15. GSTR-8
- किसके लिए: E-Commerce Operators (जैसे Amazon, Flipkart, Zomato, Swiggy)
- Use: इसमें TCS (Tax Collected at Source) की जानकारी दी जाती है।
? 16. GSTR-9
- किसके लिए: Regular Taxpayers
- Use: Annual Return – इसमें पूरे साल की Sales, Purchases, Tax Payment और ITC का सारांश।
? 17. GSTR-9A
- किसके लिए: Composition Dealers (Earlier)
- Note: अब इसे हटा दिया गया है।
? 18. GSTR-9B
- किसके लिए: E-Commerce Operators
- Use: Annual Return
? 19. GSTR-9C
- किसके लिए: जिनका Annual Turnover ₹5 Crore से अधिक है।
- Use: Audit Reconciliation Statement (Chartered Accountant Certification जरूरी)।
? 20. GSTR-10 (Final Return)
- किसके लिए: Taxpayers जिनका GST Registration Cancel हो गया है।
- Use: Business Closure पर अंतिम रिटर्न।
? 21. GSTR-11
- किसके लिए: UN Bodies, Embassies, Consulates
- Use: Refund Claim के लिए।
? 22. PMT-08
- किसके लिए: QRMP Scheme वाले Taxpayers
- Use: Self-assessed Tax का Monthly Payment।
? 23. CMP-08
- किसके लिए: Composition Dealers
- Use: Quarterly Tax Payment Return।
? 24. RFD-10
- किसके लिए: UN Bodies, Embassies, अन्य Notified Persons
- Use: Refund Application Form।
✅ निष्कर्ष
GST Returns अलग-अलग Business Categories और Products/Services के लिए निर्धारित हैं:
- Retail/Wholesale/Manufacturers → GSTR-1, 3B, 9, 9C
- Small Shops (Composition Dealers) → CMP-08, GSTR-4
- E-Commerce (Amazon, Flipkart, Zomato) → GSTR-8, 9B
- Non-Resident (Foreign Traders/Service Providers) → GSTR-5, 5A
- Service Sector (Online Services) → GSTR-1, 3B, 9
- ISD (Multi-Branch Companies) → GSTR-6
- TDS/TCS Deductors → GSTR-7, 7A, 8
- Special (Embassies, UN Bodies) → GSTR-11, RFD-10
? समय पर रिटर्न भरना व्यवसाय के लिए महत्वपूर्ण है, वरना लेट फीस और पेनाल्टी लग सकती है।
GST Returns में लेट फीस और पेनाल्टी की पूरी जानकारी
GST (Goods and Services Tax) लागू होने के बाद हर बिज़नेस को अलग-अलग प्रकार के रिटर्न फॉर्म (Returns) भरने होते हैं। भारत में लगभग 24 प्रकार की GST Returns हैं, जिनमें से कुछ नियमित रूप से हर महीने/तिमाही भरी जाती हैं और कुछ विशेष परिस्थितियों में।
समय पर रिटर्न भरना बहुत ज़रूरी है क्योंकि देरी होने पर सरकार द्वारा लेट फीस (Late Fee) और ब्याज (Interest) लगाया जाता है।
? लेट फीस (Late Fee) क्या है?
लेट फीस वह जुर्माना है जो GST Return समय पर फाइल न करने पर हर दिन के हिसाब से लगता है।
- सामान्य Return के लिए : ₹50 प्रति दिन (₹25 CGST + ₹25 SGST)
- Nil Return (Zero Return) के लिए : ₹20 प्रति दिन (₹10 CGST + ₹10 SGST)
? यह लेट फीस हर दिन बढ़ती जाती है जब तक आप Return फाइल नहीं करते।
? लेट फीस की अधिकतम सीमा सामान्य Returns के लिए ₹5,000 तक हो सकती है।
? ब्याज (Interest) क्या है?
अगर आपके ऊपर टैक्स बकाया (Outstanding Tax Liability) है और आप देर से जमा करते हैं तो उस पर ब्याज भी लगेगा।
- सामान्य टैक्स की देरी पर : 18% प्रतिवर्ष
- अगर गलत ITC (Input Tax Credit) का इस्तेमाल किया है : 24% प्रतिवर्ष
ब्याज टैक्स की राशि और देरी के दिनों के आधार पर कैलकुलेट होता है।
? कौन-कौन से Returns पर लेट फीस लगती है?
अब हम हर प्रमुख GST Return को समझते हैं और जानते हैं कि लेट होने पर क्या जुर्माना लगेगा।
1. GSTR-1
यह Return हर महीने या तिमाही में आउटवर्ड सप्लाई (Sales) की डिटेल्स के लिए भरा जाता है।
- देरी होने पर लेट फीस = ₹50/दिन (Nil पर ₹20/दिन)
2. GSTR-3B
यह Summary Return है जिसमें Sales, Purchase, Input Tax Credit और Tax Payment की जानकारी होती है।
- देरी होने पर लेट फीस = ₹50/दिन (Nil पर ₹20/दिन)
- साथ ही अगर टैक्स बाकी है तो ब्याज = 18% प्रतिवर्ष
3. GSTR-4
Composition Scheme Taxpayer के लिए Annual Return है।
- देरी पर लेट फीस = ₹50/दिन (Nil पर ₹20/दिन)
4. GSTR-5
Non-Resident Taxpayer (भारत में अस्थायी बिज़नेस करने वाले) भरते हैं।
- लेट फीस = ₹50/दिन (Nil पर ₹20/दिन)
5. GSTR-6
Input Service Distributor (ISD) द्वारा भरा जाने वाला Return है।
- लेट फीस = ₹50/दिन (Nil पर ₹20/दिन)
6. GSTR-7
TDS Deductor को भरना होता है।
- लेट फीस = ₹50/दिन (Nil पर ₹20/दिन)
7. GSTR-8
E-commerce ऑपरेटर द्वारा TCS के लिए भरा जाता है।
- लेट फीस = ₹50/दिन (Nil पर ₹20/दिन)
8. GSTR-9 (Annual Return)
सभी Regular Taxpayer को वित्तीय वर्ष खत्म होने के बाद Annual Return भरना होता है।
- लेट फीस = ₹200 प्रति दिन (CGST ₹100 + SGST ₹100)
- अधिकतम सीमा = Turnover का 0.25%
9. GSTR-9C (Reconciliation Statement)
उन Taxpayers के लिए जिनका Audit अनिवार्य है।
- लेट फीस = ₹200 प्रति दिन (Max 0.25% of turnover)
10. GSTR-10 (Final Return)
जब कोई Taxpayer GST Registration Cancel करता है, तब यह Return भरना ज़रूरी है।
- लेट फीस = ₹50/दिन (Nil पर ₹20/दिन)
11. GSTR-11
UIN Holders (जैसे UN Bodies, Embassies) द्वारा भरा जाता है।
- लेट फीस = ₹50/दिन (Nil पर ₹20/दिन)
12. CMP-08
Composition Scheme Taxpayer द्वारा Quarterly Statement और Tax Payment के लिए।
- लेट फीस = ₹50/दिन (Nil पर ₹20/दिन)
13. ITC-04
Job Work से जुड़े लेन-देन की डिटेल्स के लिए।
- लेट फीस = ₹50/दिन (Nil पर ₹20/दिन)
? उदाहरण (Calculation Example)
मान लीजिए किसी Taxpayer को सितंबर 2025 के लिए GSTR-3B फाइल करनी थी जिसकी Due Date 20 अक्टूबर 2025 थी।
अगर उसने 10 दिन बाद (30 अक्टूबर को) फाइल किया और उस पर ₹10,000 टैक्स बकाया था:
- लेट फीस = 10 दिन × ₹50 = ₹500
- ब्याज = (10,000 × 18% × 10/365) = लगभग ₹49
➡️ कुल नुकसान = ₹549
? निष्कर्ष
हर व्यवसायी को समय पर GST Return फाइल करना चाहिए। देरी करने पर न केवल लेट फीस लगती है बल्कि ब्याज भी देना पड़ता है। इससे अनावश्यक नुकसान होता है।
इसलिए –
? हमेशा Due Date का ध्यान रखें।
? अगर Return Nil भी है, तब भी समय पर फाइल करें ताकि लेट फीस न लगे।
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